Gajendra Sharma
प्रथम
पूज्य भगवान श्री गणेश सर्वसिद्धिदायक, सुख-संपत्ति प्रदाता, ज्ञान-बुद्धि
प्रदाता होने के साथ ही गृहस्थ जीवन को सुखी बनाने वाले देवता हैं। जिन
लोगों का गृहस्थ जीवन सुखी नहीं हैं, जिन्हें संपूर्ण शारीरिक सुख भोग नहीं
मिल पा रहा है उन्हें हरिद्रा गणेश मंत्र का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। इस
मंत्र को पांच बार जपने से यह सिद्ध होता है।
मंत्र का फल
हरिद्रा
गणेश मंत्र गृहस्थ जीवन सुखी बनाने के साथ पौरुष, वीरता, वीर्य स्तंभन तथा
संपूर्ण संभोग सुख प्रदान करता है। यह नपुंसकता समाप्त करने के लिए
सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
मंत्र सिद्ध करने की विधि :
विनियोग- अस्य हरिद्रा गणनायक मंत्रस्य मदन ऋषि: अनुष्टुपछंद: हरिद्रागणनायकोदेवता ममाभीष्टसिद्धयर्थे जपे विनियोग: ।
ध्यान-
पाशांकुशौ मोदकमेकदंतं करैर्दधानं कनकासनस्थम् ।
हारिद्रखंडप्रतिमं त्रिनेत्रं पीतांशुकं रात्रि गणेश मीडे ।।
हरिद्रा गणेश मंत्र-
ऊं हुं गं ग्लौं हरिद्रा गणपतये वरवरद सर्वजन हृदयं स्तंभय स्तंभय स्वाहा ।
मंत्र जप के नियम
- यह साधना सरल तो है लेकिन इसमें विशेष सावधानी की आवश्यकता होती है।
- साधना करते समय साधक पीले आसन का प्रयोग करे। वस्त्र भी पीले रंग के धारण करे।
- मंत्र जप करते समय हल्दी के टुकड़ों से निर्मित माला का प्रयोग करना चाहिए।
- रात्रि को बिछौना पीले रंग का होना चाहिए।
- साधना काल में एक समय भोजन करे और भोजन में बेसन की एक वस्तु अवश्य हो।
- साधना पूरी होने तक ब्रह्मचर्य का पालन करना आवश्यक है।