नव संवत्सर की पहली एकादशी 'कामदा एकादशी' का हुआ क्षय, 15 अप्रैल को करें या 16 अप्रैल को?


पं. गजेंद्र शर्मा
वैदिक ज्योतिषाचार्य, हस्तरेखा विशेषज्ञ, मंत्र विशेषज्ञ

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी कहा जाता है। इसका महत्व इसलिए अधिक है क्योंकि यह नव संवत्सर की पहली एकादशी होती है। साथ ही यह समस्त प्रकार के भौतिक सुख तो प्रदान करती ही है, व्रत करने वाले को प्रेत योनि तक से मुक्ति दिला देती है। लेकिन नए हिंदू वर्ष की इस पहली एकादशी का इस बार क्षय हो गया है। यानी एकादशी तिथि इस बार नहीं रहेगी, इसलिए व्रत करने वालों के मन में उलझन है कि वे यह एकादशी कब करें। 


हिंदू पंचांगों के अनुसार इस बार कामदा एकादशी तिथि का क्षय हो गया है। क्योंकि यह एकादशी 15 अप्रैल को सूर्योदय के बाद प्रात: 7 बजकर 08 मिनट से प्रारंभ होगी और 15 अप्रैल को ही मध्यरात्रि के बाद तड़के 4 बजकर 23 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। यानी एकादशी तिथि 15 अप्रैल को सूर्योदय के बाद से प्रारंभ होकर 16 अप्रैल को सूर्योदय से पहले ही पूर्ण हो जाएगी, इस कारण इसका क्षय हो गया है। हिंदू पंचांगों के अनुसार सूर्योदय व्यापिनी तिथि को पूरे दिन के लिए मान्य किया जाता है, लेकिन एकादशी के मामले में ऐसा नहीं हो रहा है। इसलिए कामदा एकादशी का क्षय हो गया है।

कब करें व्रत?

अब सवाल यह उठता है एकादशी तिथि का क्षय भले ही हो गया हो लेकिन यह व्रत तो किया जाता है। ऐसे में व्रती किस दिन एकादशी को मानते हुए व्रत करें। भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी का व्रत मुख्यत: वैष्णवों का व्रत है लेकिन इसके महत्व को देखते हुए सभी लोग समान रूप से एकादशी करते रहे हैं। हिंदू पंचांगों में आपने स्मार्त और वैष्णव लिखा देखा होगा। स्मार्त कोई भी आस्तिक व्यक्ति हो सकता है, जो पंचदेव पूजा करता हो और वैष्णव वह हुआ जिसने वैष्णव संप्रदाय के किसी आचार्य-गुरु से मंत्र, कंठी, माला और तिलक ग्रहण किया हो। एकादशी के संदर्भ में दोनों का अपना-अपना मत है। यदि दो दिन एकादशी तिथि आती है तो स्मार्त लोग पहले दिन वाली एकादशी करते हैं, जबकि वैष्णव मत को मानने वाले अगले दिन वाली एकादशी को मान्य करते हैं। इस मामले में जबकि एकादशी का क्षय हो गया है फिर भी यही नियम मानते हुए स्मार्त लोग 15 अप्रैल को एकादशी करेंगे और वैष्णव लोग 16 अप्रैल को द्वादशीबद्ध एकादशी रखेंगे।

ऐसे हुआ एकादशी का क्षय

कामदा एकादशी प्रारंभ 15 अप्रैल को प्रात: 7.08 बजे से
कामदा एकादशी पूर्ण 15 अप्रैल को मध्यरात्रि बाद तड़के 4.23 बजे तक

इसका वीडियो देखने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें
https://youtu.be/AXZS2SZA3BE