पं. गजेंद्र शर्मा, ज्योतिषाचार्य
वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों का प्रकृति के प्रत्येक कण पर प्रभाव पड़ता है। कोई माने या ना माने वे सिद्धांत सभी पर समान रूप से लागू होते हैं। आज हम बात कर रहे हैं बिजनेस की। व्यक्ति अपने सपने को साकार करने के लिए बिजनेस या दुकान शुरू करता है, लेकिन कई बार खूब मेहनत करने के बाद भी कई लोगों को बिजनेस में उल्लेखनीय सफलता नहीं मिल पाती। इसका कारण दुकान या बिजनेस प्लेस पर वास्तु दोष हो सकता है। वास्तु शास्त्र में बिजनेस में सफलता के लिए कई नियम और सिद्धांत बताए गए हैं। यदि उनका पालन किया जाए तो सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।
किस दिशा में हो दुकान का मुख
वास्तु शास्त्र मुख्यत: दिशाओं पर निर्भर करता है। बिजनेस प्रतिष्ठान और दुकान का मुंह किस तरफ हो यह सबसे महत्वपूर्ण है। पूर्व मुखी दुकान सबसे उत्तम मानी गई है। दुकान का मुंह पश्चिम की ओर है तो इसमें अधिक लाभ नहीं मिलता। उत्तरमुखी दुकानें धन वृद्धि और समृद्धि के लिहाज से सबसे अच्छी होती है। दक्षिण मुखी दुकानें भी ठीक नहीं होती है, लेकिन यदि दुकान मालिक की कुंडली के सितारे अच्छे हैं तो दक्षिण मुखी में भी लाभ मिलता है।
काउंटर की दिशा किस तरफ हो
दुकान के मालिक या सेल्समैन का मुंह दुकान या कमर्शियल ऑफिस में बैठते समय पूर्व या उत्तर की ओर होना चाहिए। यदि काउंटर या मालिक के बैठने की सीट दक्षिण या पश्चिम मुखी है तो कई तरह की परेशानियां बनी रहेंगी। बिजनेस में सफलता मिलने में भी संदेह रहेगा। यदि दुकान किसी मार्केट में है और दक्षिण मुखी है और दुकान के सामने की लाइन में भी दुकानें हैं तो ऐसी दक्षिण मुखी दुकानें खराब नहीं मानी जाती है।
कैसा हो दुकान का आकार
- दुकान या व्यावसायिक प्रतिष्ठान आगे की ओर कम चौड़ी और पीछे की ओर ज्यादा चौड़ी है तो इसे गौमुखी दुकान कहा जाता है। ऐसी दुकानें ठीक नहीं मानी जाती है। इनमें धन की आवक कम होती है।
- यदि दुकान आगे की ओर अधिक चौड़ी और पीछे कम चौड़ी है तो इसे सिंहमुखी दुकान कहा जाता है। बिजनेस के लिए देसी दुकानें अच्छी मानी जाती हैं। इनमें धन की आवक खूब होती है।
- चारों कोणों से समान और वर्गाकार तथा आयताकार दुकानें शुभ मानी गई हैं।
- त्रिकोण, सभी कोणों की अलग-अलग लंबाई-चौड़ाई या कोई कोना अधिक निकला हुआ हो तो ऐसी दुकानें अशुभ होती है। ऐसी दुकानें मालिक के लिए मानसिक परेशानी का कारण बनती है। पैसों की भी हानि होती है।
- दुकान का फर्श हमेशा साफ-सुथरा और आकर्षक होना चाहिए।
- दुकान में काउंटर के दाहिनी ओर या उत्तर-पूर्वी कॉर्नर में गणेश और लक्ष्मी की प्रतिमाएं स्थापित करना चाहिए।
- दुकान की दीवारों पर शुभ चिन्ह जैसे स्वस्तिक, शुभ-लाभ, रिद्धि-सिद्धि लगाना चाहिए। कैश काउंटर का मुंह उत्तर की ओर होना चाहिए तथा कैश बॉक्स कभी खाली नहीं होना चाहिए।
- अपने ईष्ट देवता या जिन देवी-देवता को आप मानते हैं, सुबह-शाम दुकान में उनका ध्यान जरूर करना चाहिए। उनकी तस्वीर या प्रतिमा के सामने दीपक, अगरबत्ती जरूर लगाएं।
- दुकान के ठीक सामने पेड़ या खंभा हो तो यह वेध कहलाता है। यह शुभ नहीं होता है। इससे बिजनेस में दिक्कतें आती हैं।
- दुकान के उत्तर-पूर्वी भाग को खाली रखें तो ज्यादा बेहतर होगा। भारी वस्तुएं दक्षिण-पश्चिमी भाग में रखना चाहिए।
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